Monday, April 11, 2011

बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर (चित्रमाला भाग-2)


एक  संघर्षमय  जीवनगाथा  
अम्बेडकर जयंती ( १४ अप्रैल ) के उपलक्ष्य में विशेष-

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5 comments:

  1. ओह शिक्षक के संबंध में नहीं जानता था, बहुत अच्छा लगा खासकर यह जानकर की वे एक ब्रहमण थे। इसलिए नहीं कि िकवे ब्रहमण थे इसलिए कि जो लोग समाज को संक्रिन्ता का दोषी मानतें है उनके लिए यह एक सबक है कि व्यक्ति दोषी होता है समाज नहीं । अच्दे बुरे लोग सभी समाज मंे होते है कहीं कम तो कहीं ज्यादा पर आज भी उसी संक्रीणता देखने को मिलती है हां मापदण्ड बदल गया है।

    बहुत ही सार्थक और सकारात्मक पहल मनोज बाबू। ब्लॉगिंग को एक नया आयाम आप दे रहें है इसके लिए धन्यवाद।

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  2. नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें !
    माँ दुर्गा आपकी सभी मंगल कामनाएं पूर्ण करें

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  3. तत्कालीन स्थिति-परिस्थिति का बखूबी चित्रण...

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