Sunday, January 9, 2011

का वर्षा जब कृषि सुखाने?

आजकल मौसम का मिजाज सर्द से सर्द होता जा रहा है. समाचारों में ठण्ड के कहर से कई जगह मौत होने की भी खबरे आ रही है. वास्तव में यह सब काफी दुखद है. गरीबों और बेघरों के लिए मौसम की यह मार सहना अत्यंत मुश्किल है. ऐसे मुसीबतजदा लोगों के लिए एक प्रशासनिक पहल होनी चाहिए, जिससे उनके लिए कम्बल, अलाव इत्यादि की ससमय इंतजामात हो सके. अपने यहाँ एक दुखद पहलू यह भी  है की ऐसे सरकारी प्रयास होते तो हैं, लेकिन जमीन पर उतरते हैं समय बीत जाने के बाद. ऐसे में तो यही कहा जा सकता है की 'का वर्षा जब कृषि सुखाने?'
अतः जो भी पहल हो, वह सही वक्त पर सही लोगों के पास पहुँचने चाहिए.