आजकल मौसम का मिजाज सर्द से सर्द होता जा रहा है. समाचारों में ठण्ड के कहर से कई जगह मौत होने की भी खबरे आ रही है. वास्तव में यह सब काफी दुखद है. गरीबों और बेघरों के लिए मौसम की यह मार सहना अत्यंत मुश्किल है. ऐसे मुसीबतजदा लोगों के लिए एक प्रशासनिक पहल होनी चाहिए, जिससे उनके लिए कम्बल, अलाव इत्यादि की ससमय इंतजामात हो सके. अपने यहाँ एक दुखद पहलू यह भी है की ऐसे सरकारी प्रयास होते तो हैं, लेकिन जमीन पर उतरते हैं समय बीत जाने के बाद. ऐसे में तो यही कहा जा सकता है की
'का वर्षा जब कृषि सुखाने?'
अतः जो भी पहल हो, वह सही वक्त पर सही लोगों के पास पहुँचने चाहिए.
ई जाड़ा तै देखि के हमरा के भी ठंडी लगय लागल .............चल छुप ले भैया अब रजाई में .......सुंदर प्रस्तुति.
ReplyDeletemanoj ji
ReplyDeleteaapki yah post mujhe bahut hi gahre chhoo gai.bilkul sach aur sach likh hai aapne jinke pass sab kuchh hai uaka to thand se bura hal hai lekin ek nazar un logon par ham dalen to lagta hai ki ye bechare prkriti ke is kahar ko kaise jhelte hain aur aise samay me kuchh logo ki jarra navaji se ye bechare jinke pass tan dhankne ko kapda nahi .pet ki aag bujhane ka koi sadhan nahi vo bechare is jan-lewa thand me kahan jaayen ,yah sab sochte hue man bhut dukhi ho jaata hai .aise me aapki prastuti bahut logo ko sochne par majbur kareyahi kamna hai ki is disha me ham sabko aage aana chahiye.
bahut bahut dhanyvaad ek yatharth prastuti ke liye.
poonam
@ उपेन्द्र 'उपेन'...
ReplyDeleteउपेन्द्र भाई, धन्यवाद.
@JHAROKHA...
Poonam ji, kash sab aisa hi sochte to yah dharti swarg ban jati. thanks for your comments.
.सुंदर प्रस्तुति.
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