मौलाना अबुल कलाम आजाद जयन्ति के अवसर पर राजधानी पटना में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में यहां के ख्यातिप्राप्त गणितज्ञ श्री आनन्द को सम्मानित किया जाना हर्ष का विषय है। सुपर थर्टी के संस्थापक संचालक श्री आनन्द जैसे दुर्लभ व्यक्तित्व विरले ही मिलते हैं, जिन्होंने तन-मन-धन से साधनविहीन छात्रों के लिए अपने आप को समर्पित कर दिया हो। उनकी सुपर थर्टी संस्था आईआईटीयन फैक्ट्री बन चुकी है जो पिछले कुछ वर्षों से शत-प्रतिशत परिणाम दे रही है।
साधनविहीन मेधावी छात्रों को नि:शुल्क आई.आई.टी. की तैयारी |
कहना न होगा कि ऐसे व्यक्तित्व किसी पुरस्कार के मोहताज नहीं होते, अपितु पुरस्कार ऐसे मौकों पर खुद ही पुरस्कृत होता है। श्री आनन्द का यह वक्तव्य कि वे अब पांचवी कक्षा के बाद से ही बच्चों को पढ़ाने का कार्य करना चाहते हैं, निश्चय ही उन गरीब बच्चों के लिए एक शुभ संकेत है जो बचपन में ही मजबूरी में अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं।
अपने छात्रों के साथ ज्ञानदाता आनंद : सफलता के क्षण |
बच्चों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों का ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। समाज में श्री आनन्द जैसे शिक्षक एक मिसाल हैं जिन्होंने आज के अंधे व्यावसायिक युग में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर जाने कितने बूझते चिरागों को न केवल रौशन किया बल्कि उन्हें मुख्यधारा में शामिल कर प्रतिष्ठित भी किया। सचमुच ऐसे व्यक्तित्व वन्दनीय हैं।
बिल्कुल ऐसे व्यक्तित्व को हमारा भी नमन और हार्दिक बधाई।
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