इस वर्ष भोजपुरी फिल्मों ने अपने उतार-चढ़ाव भरे दौर के 50 साल पुरे किये. भोजपुरी फिल्मों का अपना एक सुनहरा इतिहास रहा है. आज भोजपुरी फिल्म उद्योग उफान पर, किन्तु गुणवत्ता ढलान पर है.
आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (12.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/ चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
वाह बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteआपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (12.02.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.uchcharan.com/
ReplyDeleteचर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)
सभी कार्टून एक से बढ़कर एक !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कार्टून...
ReplyDeleteचारों कार्टून नीक लागल बा........
ReplyDeleteएकदम गर्दा मचि गईल भाई जी............ ..
ReplyDeleteअच्छा तीखा व्यंग्य है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया।
ReplyDeleteगर्दा कर दिया मनोज बाबू.. कई पटखनियां दिया पर सबसे सुन्दर रहा गर्त में जाने वाला.. आपका भी जबाब नहीं..
ReplyDeleteMany-many thanks all of you for your love and inspiration.
ReplyDeleteThanks again.
आप सभी का इस स्नेह और प्रोत्साहन के लिए धन्यवाद.
हार्दिक आभार व्यक्त कर तानी रउआ सभे लोगन के. फेनु आये के निमंत्रण के साथ.
सटीक हैं भाई ..सभी ....
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत बहुत बहुत बढ़िया।
ReplyDelete.........एक से बढ़कर एक !
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